Saturday, January 24, 2009

हुसैन फ़कीर : रहिये वो नाल सजण दे रहिये वो

तू ही ताणा, तू ही बाणा,
कहे हुसैन फ़कीर ने माणा|
मैं नहीं, (सदर) सब तू|
रहिये वो नाल सजण दे रहिये वो,
लख लख वधियाँ दस्सा ताणे,
सब्बो सिर ते सहिये वो|
रहिये वो नाल सजण दे रहिये वो|
चंदन रुख लगा विच वेड़े,
ज़ोर तिहाडे खैय्ये वो|
रहिये वो नाल सजण दे रहिये वो|
तोड़े सिर बन्जे तड़ नालों,
ता विं हाल ना कहिये वो|
रहिये वो नाल सजण दे रहिये वो|
कहे हुसैन फ़कीर साईं दा,
जीव ते अमर रहिये वो|
रहिये वो नाल सजण दे रहिये वो|

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