Sunday, January 18, 2009

खुस्रो : माशा-अल्लाह क्या लिखा है

छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाय के,
नैना मिलाय के मोसे सैना मिलाय के|
प्रेम भट्टी का मदवा पिलाय के मतवारी कर दीनी रे,
मोसे नैना मिलाय के|
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बल बल जाऊँ मैं तोरे रंग रजवा,
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"ऐसी रंग दो की रंग नाहीं छूटे,
धोबिया धोले चाहे सारी उमरिया"
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बल बल जाऊँ मैं तोरे रंग रजवा,
अपनी सी रंग दीनी रे मोसे नैना मिलाय के|
------------------------------------------------------------ गोरी गोरी बैय्याँ हरी हरी चूडियाँ,
बैयाँ पकड़ हर लीनी, मोसे नैना मिलाय के|
--------------------------------------------- खुस्रो निज़ाम ,के बल बल जैय्याँ,
मोहे सुहागन कीनी जी मोसे नैना मिलाय के| ----------------------------------------------

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