Friday, January 30, 2009

तुम बस तुम

बंद आँखें, रुकी साँसे, धड़कनों में तुम,
तुम से दूर क्या रहूँ, ऐ हुज़ूर क्या करुँ?
नज़र आते हो, बस तुम ही तुम||

तुम बस तुम, तुम बस तुम, तुम बस तुम|
नज़र आते हो, बस तुम्ही तुम|

खुली जुल्फें, झुकी पलकें,और चाहतों में तुम,
तुमको भूल ना सकूँ, ऐ हुज़ूर क्या करुँ?
नज़र आते हो, बस तुम ही तुम||

तुम बस तुम, तुम बस तुम, तुम बस तुम|
नज़र आते हो, बस तुम्ही तुम|

एक सपना निगाहों में, ख्वाहीशों में तुम,
ख्वाहीशों में तुम, बस तुम ही तुम|

तुम बस तुम, तुम बस तुम, तुम बस तुम|
नज़र आते हो, बस तुम्ही तुम|

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