Friday, August 7, 2009

दर्द से मेरा दामन भर दे

दर्द से मेरा दामन भर दे, या अल्लाह!
फिर चाहे दीवाना कर दे या अल्लाह!

मैंने तुझसे चाँद सितारे कब मांगे,
रोशन दिल, बे-दाग नज़र दे, या अल्लाह!
फिर चाहे दीवाना कर दे या अल्लाह!

सूरज सी इक चीज़ तो हम सब देख चुके,
सचमुच की अब कोई सहर दे या अल्लाह!
फिर चाहे दीवाना कर दे या अल्लाह!

या धरती के ज़ख्मों पर मरहम रख दे,
या मेरा दिल पत्थर कर दे या अल्लाह!
या चाहे दीवाना कर दे या अल्लाह!

No comments: