Thursday, February 19, 2009

रब्बा मेरे हाल दा महरम तू

रब्बा मेरे हाल दा महरम तू,
अन्दर तू है, बाहिर तू है,
रोम रोम विच तू|
रब्बा मेरे हाल दा महरम तू,
तू है ताणा, तू है बाणा,
मैं नहीं, सब तू|
रब्बा मेरे हाल दा महरम तू,
कहे हुसैन फ़कीर साईं दा,
मेरा सब कुछ तू|
रब्बा मेरे हाल दा महरम तू,

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