Saturday, October 4, 2008

आ के सज्जादा नशीं

आ के सज्जादा नशीं, केस हुआ मेरे बाद |
ना रही दस्त-ऐ-खाली कोई जाँ मेरे बाद ||

वो हवा का ही चमन हूँ, के चमन में हर सुबह |
पहले मैं जाता था, और बाद-ऐ-सबा मेरे बाद ||

तेज़ रखना सर-ऐ-हर खार को ए दस्त-ऐ-जुनूँ |
शायद आ जाए कोई आबलाप मेरे बाद ||

तहे शमशीर यही साच है मक्कल में मुझे,
देखिये अब किसे लाती है कज़ा मेरे बाद ||

बाद मरने के मेरी कब्र पे आया वो "मीर" |
याद आई मेरे क़ातिल को वफ़ा मेरे बाद ||

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