Friday, October 3, 2008

"यार की तलाश" by रावत (In sufism yaar is symbolic for that universal supreme creator/power = GOD)

हाल-ऐ-मस्तांगी की वजह,
मस्ताना दिल यार है|
इस दीवानगी की वजह,
वो रहेनुमा परवरदिगार है||
इश्क के मकाँ में, खाना-ऐ-दिल के रूबरू,
खुशनुमा पाक़ अहसास मेरा यार है|
मुसाफिर की आस वो दूर सेहरा में रौशनी की किरन,
टूटे दिल की दरार भी, और तू ही उसका क़रार है|

No comments: