रूखे नैना, खाली दिल, कोरी बतियाँ|
अरमानों की आस को ढूंढें एक अरमाँ||
बेवजह, दिल की उदासी की वो वजह,
जो ना दिल की दवा, ना ही मेरा खुदा|
एक शख्स को खुदा मानकर, की थी जो उम्र भर सदा,
दिल ये तमाशा देख कर हैरां है, की वो ना खुदा था,
पर अब भी वो है, होश वालों का खुदा|
बेखुदी जो दे गया वो क़ातिल,
वजह बन गई मुलाकात-ऐ-सचमुच का खुदा|
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